एनल फिशर एक ऐसी चिकित्सा स्थिति है जो गुदा क्षेत्र में उत्पन्न होनेवाली छोटी, लेकिन गम्भीर पीड़ादायक दरारों का कारण बनती है। इस स्थिति में आहार की गलत आदतें दर्द और असुविधा को बढ़ा सकती हैं। आरोग्यम पाइल्स क्लिनिक और रिसर्च सेंटर, मोहाली, चंडीगढ़ के विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए, निम्नलिखित आहार विशेषत: एनल फिशर रोगियों के लिए हैं जिनसे उन्हें बचना चाहिए।
कम फाइबर वाले आहार
कम फाइबर वाले आहार कई बार एनल फिशर रोगियों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। कम मात्रा में फाइबर का सेवन कठिनाई से होनेवाली मल त्याग प्रक्रिया को और अधिक जटिल बना सकता है, जिससे फिशर में दर्द और सूजन की संभावना बढ़ जाती है।
मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचाव
मसालेदार भोजन गुदा दरारों और घावों में जलन और अतिरिक्त पीड़ा का कारण बन सकता है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ गुदा क्षेत्र में सूजन और असुविधा को बढ़ा सकते हैं, जिससे रोगी की स्थिति में सुधार की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
कम पानी की मात्रा वाले खाद्य पदार्थ
पर्याप्त पानी की कमी से मल सख्त और सूखा हो जाता है, जिससे मल त्याग के समय और अधिक पीड़ा होती है। एनल फिशर रोगियों को उन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा कम होती है और जिनसे डीहाइड्रेशन का खतरा हो।
तैलीय और गहरी तली खाद्य पदार्थ
तैलीय और गहरी तली हुई खाद्य सामग्री गुदा में जलन के साथ-साथ पाचन क्रिया को भी प्रभावित कर सकती हैं। ये खाद्य पदार्थ पाचक रसों के संश्लेषण को बाधित करते हैं और इसलिए, इन्हें एनल फिशर पीड़ितों द्वारा नहीं खाया जाना चाहिए।
आहार में शर्करा और प्रोसेस्ड फूड की भूमिका
शर्करा और प्रोसेस्ड फूड में संशोधित कार्बोहाइड्रेटों की उच्च मात्रा होती है जो चीनी के स्तर में असंतुलन और अत्यधिक वजन बढ़ने का कारण बन सकती है। इसके अलावा, ये खाद्य पदार्थ गुदा क्षेत्र में सूजन और अनावश्यक दबाव उत्पन्न करते हैं, जिससे एनल फिशर के रोगी की स्थिति और भी खराब हो सकती है।