अरोग्यम पाइल्स क्लिनिक और रिसर्च सेंटर, मोहाली, चंडीगढ़ में क्षारसूत्र उपचार की पेशकश के फायदे अनेक हैं। यह विधि न केवल पारंपरिक है, बल्कि विभिन्न प्रकार की गुदा रोगों, विशेषकर भगंदर (फिस्टुला) और बवासीर (पाइल्स) में अत्यंत प्रभावी साबित हुई है।
क्षारसूत्र उपचार क्या है?
क्षारसूत्र एक नाॅन सर्जिकल चिकित्सा है जिसमें एक औषधीय धागे का उपयोग किया जाता है, जिसे रोगग्रस्त क्षेत्र में डाला जाता है। यह धागा विशेष प्रकार की औषधियों और उनके क्षारीय गुणों के साथ संसाधित होता है जो रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करता है।
क्षारसूत्र की पारंपरिक विधि
यह विधि प्राचीन आयुर्वेद पर आधारित है और कई शताब्दियों से अपनाई जा रही है। यह प्रक्रिया न केवल सर्जिकल हस्तक्षेप को कम करती है बल्कि उपचार प्रक्रिया को भी सुविधाजनक बनाती है।
क्षारसूत्र उपचार के लाभ
क्षारसूत्र उपचार से रोग का सटीक और प्रभावी उपचार संभव होता है। यह विधि रोगी के शरीर पर कम से कम असर डालती है और इससे उपचार की प्रक्रिया में तेजी आती है।
सर्जरी के मुकाबले कम जटिलता
सामान्य सर्जरी के मुकाबले, क्षारसूत्र उपचार में रोगी को कम दर्द होता है और इसके जटिलता के मामले भी कम होते हैं। इससे रोगी की ठीक होने की प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक और तीव्र गति से होती है।
कम दर्द और जल्द ठीक होने की प्रक्रिया
क्षारसूत्र विधि रोगी को कम दर्द और जल्द ठीक होने की सुविधा प्रदान करती है। इस उपचार से शरीर की स्वाभाविक चिकित्सा प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है, जो रोगी को जल्द स्वस्थ होने में मदद करता है।
वित्तीय और आर्थिक लाभ
इस उपचार विधि से न केवल उपचार प्रभावी और त्वरित होता है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी किफायती होता है। रोगी को हॉस्पिटल में रुकने या महंगी सर्जरी से गुज़रने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे कुल उपचार खर्च में काफी बचत होती है।
अरोग्यम पाइल्स क्लिनिक और रिसर्च सेंटर, मोहाली, चंडीगढ़ में क्षारसूत्र उपचार की पेशकश, रोगियों को एक सुरक्षित, प्रभावी और किफायती उपचार का विकल्प प्रदान करती है। यह उपचार न केवल भौतिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि रोगी की समग्र जीवनशैली और आत्मविश्वास में भी सुधार करता है।